एंग्जायटी के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं जिनमें मुख्य रूप से शारीरिक और मानसिक लक्षण शामिल हैं।
शारीरिक एंग्जायटी के लक्षण
तेज़ दिल की धड़कन
- पसीना आना
- सांस फूलना
- कांपना या थरथराना
- सिर दर्द या सिर में दबाव
- मांसपेशियों में तनाव
- नींद की समस्या
मानसिक/भावनिक एंग्जायटी के लक्षण
बार-बार चिंता करना
- घबराहट महसूस होना
- डर और तनावग्रस्तता
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- निराशा या उदासी
एंग्जायटी के प्रकार (Types of Anxiety Disorders)
- सामान्यीकृत चिंता विकार (GAD)
- पैनिक डिसऑर्डर और पैनिक अटैक
- सामाजिक चिंता विकार
- फोबिया (विशेष डर)
- ओसीडी (Obsessive Compulsive Disorder)
- PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder)
चिंता के कारण (Causes of Anxiety)
एंग्जायटी के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें मानसिक, जैविक, और सामाजिक कारण शामिल हैं। जैसे पारिवारिक तनाव, हार्मोनल असंतुलन, तनावपूर्ण जीवनशैली, और मानसिक बीमारी।
पैनिक अटैक: लक्षण और प्रबंधन (Panic Attack: Symptoms and Management)
पैनिक अटैक अचानक होने वाला तीव्र भय होता है, जिसमें तेज़ दिल की धड़कन, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना आदि लक्षण होते हैं। इसका सही तरीके से सामना करना जरूरी है।
एंग्जायटी का शरीर और मन पर प्रभाव (Impact on Body and Mind)
एंग्जायटी सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करती बल्कि इसका प्रभाव शरीर पर भी होता है। चिंता के कारण पाचन तंत्र पर भी असर पड़ सकता है, जिससे कई बार पेट की समस्याएं जैसे एसिडिटी, गैस, और अपच हो सकते हैं। इस संदर्भ में गट ब्रेन एक्सिस (Gut-Brain Axis) सिद्धांत यह बताता है कि मानसिक तनाव और पाचन तंत्र का आपस में गहरा संबंध होता है।
यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं, तो LGI अस्पताल में विशेषज्ञों की देखरेख में आप अपनी दोनों परेशानियों का साथ में इलाज कर सकते हैं।
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निदान और जांच का तरीका (Diagnosis and Assessment)
डॉक्टर एंग्जायटी का निदान लक्षणों, मेडिकल इतिहास और कभी-कभी टेस्ट के आधार पर करते हैं।
इलाज और उपचार विकल्प (Treatment Options)
- मनोचिकित्सा (CBT, एक्सपोजर थेरेपी)
- दवाइयां (एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन)
- योग और मेडिटेशन
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाना
जीवनशैली सुधार और घरेलू उपाय (Lifestyle Changes and Home Remedies)
- समय पर सोना
- तनाव कम करने के उपाय अपनाना
- नियमित व्यायाम और योग करना
- पौष्टिक आहार लेना
क्या करें और क्या न करें (Do’s and Don’ts)
- नकारात्मक विचारों से बचें
- डॉक्टर से सलाह जरूर लें
- परिवार और मित्रों से बात करें
कब डॉक्टर से संपर्क करें (When to See a Doctor)
एंग्जायटी के लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।