Dehydration meaning in Hindi (डिहाइड्रेशन का हिंदी अर्थ) का मतलब है शरीर में पानी की कमी या निर्जलीकरण। यह तब होता है जब शरीर में जितनी मात्रा में पानी या तरल पदार्थ जाना चाहिए, वह कम हो जाता है या शरीर से पानी की अधिक मात्रा निकल जाती हैनिर्जलीकरण
निर्जलीकरण से शरीर की क्रियाएं सही तरीके से नहीं चल पातीं, जिससे थकावट, चक्कर, सूखी त्वचा, और गंभीर मामलों में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
निर्जलीकरण (Dehydration) क्या है?
Dehydration
का सीधा सा मतलब है “पानी की कमी”। यह शरीर में पानी और अन्य तरल पदार्थों की कमी की स्थिति है, जिससे शरीर के सामान्य क्रियाकलाप बाधित हो जाते हैं। अनजाने में पानी की कमी, कोई बीमारी जैसे दस्त, उल्टी, बुखार, या अधिक पसीना आना इसके मुख्य कारण हो सकते हैं.
निर्जलीकरण के सामान्य लक्षण
- अत्यधिक प्यास लगना
- मुंह और त्वचा का सूखापन
- पेशाब कम या गहरे रंग का आना
- चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना
- थकान और ऊर्जा की कमी
निर्जलीकरण के कारण
- पर्याप्त पानी न पीना
- गर्मी में अधिक पसीना आना
- दौरा या उल्टी के कारण तरल पदार्थ का नुकसान
- बार-बार पेशाब आना (जैसे दवाओं के साइड इफेक्ट से)
- उच्च तापमान या धूप में अधिक समय बिताना
Dehydration निर्जलीकरण से बचाव के तरीके
- नियमित रूप से पानी का सेवन करें
- गर्मी में बाहर जाने पर तरल पदार्थ जैसे ORS, फल और तरल आहार लें
- व्यायाम करते समय हाइड्रेटेड रहें
- डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयां लें जो ज्यादा पेशाब कराती हों
पर्याप्त पानी पीना आपके शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ पाचन और लिवर के कार्यों को भी संतुलित करता है। निर्जलीकरण से बचाव और सही उपचार के लिए LGI Hospitals के विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करें। अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें
FAQ – आम सवाल और उनके जवाब
निर्जलीकरण का हिंदी में मतलब क्या है?
शरीर में पानी की कमी जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
निर्जलीकरण के लक्षण क्या होते हैं?
प्यास लगना, थकान, त्वचा या मुंह का सूखापन, चक्कर आना और गाढ़ा पेशाब इसके सामान्य लक्षण हैं।
शरीर में पानी की कमी क्यों होती है?
गर्मी, अधिक पसीना, उल्टी, दस्त या कम पानी पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
निर्जलीकरण से कैसे बचें?
प्रचुर मात्रा में पानी पिएं, समय-समय पर तरल पदार्थ लें, और अधिक गर्म मौसम में सावधानी बरतें।
In the end
या निर्जलीकरण वह स्थिति है जिसमें हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसे नजरअंदाज करना शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए हमेशा उचित जलयोजन (हाइड्रेशन) बनाए रखना आवश्यक है। भारत जैसे गर्म देश में खासकर गर्मियों और तेज मौसम के दौरान पानी पीने का विशेष ध्यान रखें। यदि निर्जलीकरण के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और आवश्यक उपचार करवाएं।